ZPM (जोरम पॉलिटिकल मूवमेंट) 40 में से 27 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल करने में कामयाब रही।
एम एन एफ और कांग्रेस के बीच सत्ता स्थानांतरण का 36 साल पुराना एकाधिकार समाप्त हो गया। (ZPM का गठन 2017 में 6 छोटे क्षेत्रीय दलों के गठबंधन द्वारा एक गैर-कांग्रेस और गैर-एम एन एफ राजनीतिक विकल्प के रूप में किया गया था।)
वेनेजुएला के इस मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने के कदम ने कि क्या उसे एस्सेकिबो, एक विशाल, तेल-समृद्ध विवादित क्षेत्र, जो अब पड़ोसी गुयाना का हिस्सा है, पर संप्रभुता का प्रयोग करना चाहिए, ने पुराने घावों को हरा कर दिया है और दक्षिण अमेरिकी देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है।
जासूसी, ख़ुफ़िया जानकारी और गुप्त अभियानों की धुंधली दुनिया में एकमात्र नियम यह है कि कभी भी किसी मिशन को अंजाम देते हुए पकड़ें न जाए।
गुप्त क्षमता और सार्वजनिक संदेश दोनों के मामले में नई दिल्ली की विश्वसनीयता पर छाया बिखरता हुआ प्रतीत होता है, जिसे संबोधित किया जाना अति आवश्यक है।
एक के बाद एक कई हालिया घटनाएँ- एंटीगुआ से बिजनेसमैन मेहुल चोकसी के "अपहरण का प्रयास"; जासूसी के आरोप में कतर में आठ पूर्व भारतीय नौसैनिक अधिकारियों को दोषी ठहराया जाना ; नवीनतम आरोप - अमेरिका द्वारा न्यूयॉर्क में गुरपतवंत सिंह पन्नुन की हत्या की साजिश रचने का भारत पर आरोप - ये सभी भारतीय खुफिया/जासूसी/गुप्त अभियानों पर कुछ गंभीर सवाल उठाते हैं, भले ही ये आरोप अभी प्रमाणित ना हो !!!
भारत-अमेरिका संबंधों के बीच विश्वास की कमी देखी जा सकती है - अमेरिका खालिस्तानियों के लिए भारतीयों द्वारा प्रदान की गई किसी भी जानकारी पर विचार करने के मूड में नहीं है।
कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज करके, राजनयिकों को निष्कासित करके और वीजा निलंबित करके भारत ने आक्रामक तेवर व्यक्त किआ जबकि अमेरिका के आरोपों को अधिक शांति से स्वीकार करके और उनकी जांच के लिए उच्च-स्तरीय जांच समिति स्थापित करके, नई दिल्ली ने अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं में दोहरे मानदंड का प्रदर्शन किया है।
पश्चिम के दोहरे मैप-दंड : पन्नून और निज्जर पर कथित दावों को लेकर पश्चिमी देशों ने सार्वजनिक रूप से भारत को शर्मसार किया है और न्यूजीलैंड सहित सभी फाइव आई देशों ने बयान जारी कर कनाडा के खिलाफ भारत की कार्रवाई की आलोचना की है। ("फाइव आईज" खुफिया गठबंधन - ऑस्ट्रेलिया, कनाडा , न्यूज़ीलैंड, यू.के. और यू.एस.)
इस तरह के बार-बार दोहराये जाने वाले आख्यान भारत को अपने पड़ोसियों के बीच भी अपना भरोसा खो सकती हैं - जो नई दिल्ली के लिए एक बड़ी चिंता का विषय होना चाहिए।
बाकी के उपर्युक्त लेख/सम्पादकीय राजनीतिक घटनाक्रम से जुड़े हैं - (5 राज्यों में विधानसभा चुनाव सम्बंधित )